मत ढूंढो
आँखों में मेरी
क्षत विक्षत
कुछ सपने होंगे
खंडित सी कोई
छत होगी
छत नीचे
कुछ अपने होंगे
ग़ुरबत मद से
लिपटे कुछ
लम्हे
लफ्जो से
भरपूर मिलेंगे
श्रृंगार की डिबिया
वहीँ मिलेगी
आईने
चकनाचूर मिलेंगे
मत झाँको
झांकी में मेरी
जाली में
सांटी -मुश्क कपूर मिलेंगे
खूँटी पर
इक फंदा होगा
लटके हुए गरूर मिलेंगे
अबकी तो बस बीत गयी
अगले जन्म जरूर मिलेंगे
क्षत विक्षत
कुछ सपने होंगे
खंडित सी कोई
छत होगी
छत नीचे
कुछ अपने होंगे
ग़ुरबत मद से
लिपटे कुछ
लम्हे
लफ्जो से
भरपूर मिलेंगे
श्रृंगार की डिबिया
वहीँ मिलेगी
आईने
चकनाचूर मिलेंगे
मत झाँको
झांकी में मेरी
जाली में
सांटी -मुश्क कपूर मिलेंगे
खूँटी पर
इक फंदा होगा
लटके हुए गरूर मिलेंगे
अबकी तो बस बीत गयी
अगले जन्म जरूर मिलेंगे
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