रविवार, 26 जून 2016

दुर्लभ से कुछ कैक्टस














दुर्लभ से कुछ कैक्टस
उगे है मेरे भीतर के रेतीले बंजर में भी 
उनकी प्रजातियों खतरे में भी है
भयंकर सूखे में भी वो
फूल ऊगा लेते है 
पानी भी भर लेते है पत्तो में
और कांटो से बाहर निकल
तीस मिटा देते हैं कीटो की
जो मरने 
 कगार पर होते है
ये केक्टस दवा बन जाते है
जब जब कुचले जाते हैं
कभी कभी ये केक्टस तन से
बाहर दिखने लगते है और
दुनिया बौरा जाती है


सुनीता धारीवाल जांगिड 

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