गुरुवार, 30 जून 2016

नील गाय या शील गाय

मैं नील गाय









लगता है
कुछ गलत समझे हो पता भी गलत है
क्या कहा?
मैं हूँ गाय
दुघारू शील
नख से शिख तक
वन्दनीय पूजनीय
न भई न
लगता है
कुछ भूल हुई है
आपने गलत पहचाना
मैं नीलगाय
चौपट कर रहीं हूँ
तुम्हारे खेत
अपनी नस्ल बचाने को
दोष मेरा नहीं
तुम्ही तो रोज
कम करते रहे
मेरे हिस्से की ज़मीन
और कितना भागूं मैं
कितना सिमटू मैं
आखिर मुझे भी
हिस्सा चाहिए
तेरी बोई मेरी ज़मीन में
चिरौरी अनुनय विनय के बाद
अब जब मैं सींगो से
तुमसे बात करने लगी हूँ
तुमने सुनाया है फरमान
मेरी बेदखली का
साँसों सहित
और उठा ली है बन्दूक
हैरान हूँ
गाय बांधते रहे हो
नील गाय भी पाल कर
एक बार देखो तो सही
संख्या दिनब बढ़ रही
मेरी नस्ल वालियों की
नाक में दम भी किये हैं
चलिए बन्दूक से ही सही
कीजिये तो काबू
क्यूंकि खूंटे तुम्हारे
कमजोर सिद्ध हुए है
मेरे भागने की ललक के आगे
सुनीता धारीवाल

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