सोमवार, 29 जुलाई 2019

अमीर खुसरो

खुसरो पाती प्रेम की बिरला बाँचे कोय

वेद, कुरान, पोथी पढ़े, प्रेम बिना का होय

खुसरो बाजी प्रेम की मैं खेलूं पी के संग

जीत गयी तो पिया मोरे हारी पी के संग

साजन ये मत जानियो तोहे बिछड़त मोहे को चैन

दिया जलत है रात में और जिया जलत बिन रैन

खुसरो सरीर सराय है क्यों सोवे सुख चैन

कूच नगारा सांस का, बाजत है दिन रैन

खुसरो दरिया प्रेम का, उल्टी वा की धार

जो उतरा सो डूब गया, जो डूबा सो 

खुसरो रैन सुहाग की, जागी पी के संग
तन मेरो मन पियो को, दोउ भए एक रंग 

रैन बिना जग दुखी और दुखी चन्द्र बिन रैन

तुम बिन साजन मैं दुखी और दुखी दरस बिन नैंन

आ साजन मोरे नयनन में, सो पलक ढाप तोहे दूँ
न मैं देखूँ और न को, न तोहे देखन दूँ

खुसरो पाती प्रेम की बिरला बाँचे कोय

वेद, कुरान, पोथी पढ़े, प्रेम बिना का होय