रविवार, 18 फ़रवरी 2018


तुम हो शिव मैं शक्ति तुम्हारी
तुम वरदान मैं भक्ति तुम्हारी

तुम धागा मैं मनका तेरे मन का
तुम दीपक मैं बाती चितवन की

तुम कान्हा मैं मीरा दीवानी
तुम इकतारा मैं तार पुरानी

तुम हो तो जीवन उत्सव है
तुम न रहो तो दुनिया बेमानी

तुम कस लो बाहों में मुझ को
बस इतनी है मेरी आस दीवानी

तुम हो  तिलक किसी मस्तक का
मैं तेरे  चरणों की धूल मस्तानी

तुम मंदिर की गुम्बद शोभा
मैं सीढ़ियों सी पायदानी

तुम हो मंदिर के शंख पाञ्चजन्य
मैं  चंदन की खड़ताल सुहानी

तुम प्रसाद हो अमृत जल का
मैं जूठन सी पत्ता थाली

तुम मंदिर में देव स्थापित
मैं कोई ओपरी हवा निशानी

तुम जल हो मंदिर  के कलश का
मैं घाट घाट का गंदला पानी

तुम मंदिर में  वर्षा हो फूलों की
मैं अकाल  अगिनत  भूलो की

तुम भजन कीर्तन भक्ति  कथा
मैं शमशानों का  राग अघोरी

तुम ओमकार की ध्वनि सुहानी
मैं कोने में रखा शोर नक्कारा