शनिवार, 24 दिसंबर 2016

मुसाफिर हो तुम रुकना न कहीं


मूसाफिर हम भी
मुसाफिर तुम भी
कांटो पर तुम भी
कांटो पर हम भी
चौराहे कभी सीधे न कहीं
मुड़ चले तुम भी
मुड़ गए हम भी
लिखा है जो
होता है  वही
न तेरा कुछ  सही
न मेरा कुछ सही
होनी को होना
होता है यहीं
दोष तेरा भी नहीं
  मेरा भी नहीं
नियति ही बली
,बलवान भई
न कहना  है कहीं
न सुनना है कहीं
बातें लाख करे 
जोरों से कहीं
हैं बात वही
जो बिन कहे कही
न तुमने कही
न मैंने कही
होता है वही
होगा जो सही
मुसाफिर कभी 
रुकता है कहीं
जहाँ सांस खत्म
सफर खत्म वहीँ
न तू रुके कहीं
न मैं रुकूँ कहीं ।
किसी और मोड़ पर
मिलेंगे कहीं
तब हंस कर फिर भी
कर लेंगे
आपबीती न सही
जगबीती सही
होता है वही
जो होता है सही
जोगी न रुके 
पानी भी रुके
मुसाफिर का भी
रुकना ठीक नहीं
न कभी मौत रुकी
न मात रुकी
न ममता की उथली झाल रुकी
हम तुम कैसे रुक जायेंगे
नई राह बुलाती
हैं रोज कहीं
राहें ही तो है ।
जो  तय करनी है
कहीं पगडण्डी कहीं 
कहीं सड़क नई
रुक जाना तेरा धर्म नहीं
कर्मो से फिर राहें बना नई
सुनीता धारीवाल

रविवार, 4 दिसंबर 2016


                          अंकित धारीवाल मेमोरियल ट्रस्ट (पंजीकृत )

                                                                                                    परिचय 








अंकित धारीवाल मेमोरियल ट्रस्ट एक सामजिक  पहल है एक माँ की- एक परिवार की -पारिवारिक मित्रो की और उनसे जुड़े समाज के सम्मानित नागरिको की -.यह प्रयास है व्यक्तिगत  भावनात्मक हानि के दर्द को समाज में खुशिया बांटने की उर्जा में परिवर्तित कर के कुछ प्रयास करने की -यह एक सांझा समाज कल्याण व जागरूकता का उपक्रम है जिसे 11 दिसम्बर 2013 को 23 वर्षीय   दिवंगत पुत्र की स्मृति में कैथल जिले के मुख्यालय में ट्रस्ट के रूप में पंजीकृत करवाया गया  संक्षिप्त कार्य वर्णन -ट्रस्ट के गठन से अब तक ट्रस्ट के सदस्यों द्वारा महिला अवम बाल विकास के क्षेत्र में सामजिक कल्याणकारी परियोजनाएं चलायी जा रही है जिनमे निम्नलिखित प्रमुख है -




मंगला  परियोजना


-इस परियोजना के अंतर्गत गत वर्षो में  हरियाणा के तीन जिलो में क्रमश कैथल कुरुक्षेत्र व् पंचकूला में 12 हजार किशोरी बालिकाओं को स्वास्थ्य व व्यक्तिगत विकास का प्रशिक्षण दिया गया और इस दौरान उनकी व्यक्तिगत और सामजिक  जिज्ञासा का निकारण किया गया .परामर्श उपलब्ध करवया गया और जिसे चिकित्सा की ज़रूरत थी उन बालिकाओं की मदद की गयी ,

नारी कलम मंच 
महिलाओं में साहित्य व् लेखन की प्रतिभा को मंच देने हेतु और उनकी रुचि लेखन में जागृत करने हेतु अब तक प्रत्येक माह  कविता गोष्ठीयों एवम मंचीय प्रस्तुतियों का आयोजन किया है इस मंच से हरियाणा के 6 जिलो की महिलाएं सक्रिय रूप से जुडी है और हमारा कारवां दिन प्रति दिन बढ़ रहा है


वीमेन टीवी इंडिया नेटवर्क
www.wtvindia.in
यह प्रयास है भारत की महिलाओं को  एक संवाद माध्यम से जोड़ने का उनकी कही अनकही कहानियों को मुद्दों को सांझा करने का ,उनके हुनर को मंच देने का .उनकी  तकनीकी क्षमता को बढाने का .उन्हें अपनी बात कहने के अवसर देने का .इस परियोजना से भारत भर से ३००० महिलाएं सक्रियता से जुडी है और इस परियोजना से प्रभावित है


सरोकार





अब तक सरोकार कार्यक्रम श्रृंखला में राष्ट्र के ज्वलंत सामजिक मुद्दों पर परिचर्चाएं आयोजित की गयी और व तीन  संस्थाओं को सम्मानित किया गया इन परिचर्चाओं में सैंकड़ो लोगो ने  अपनी उपस्तिथि दिखाई है और इस परियोजना में ज़रूरत मंद बच्चो को हर साल स्कूल की किताबे वर्दियां व् कुछ बच्चो की फीस अदा की जाती है ,अब तक हम २०० बच्चो तक पहुंचे है और उन्हें समय समय पर ज्ञान व् ज्ञान अर्जित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है

संस्था द्वारा पिछले दो  वर्षों से लगतार प्रयास किये जा रहे हैं जोकि आप सब  आशीर्वाद एवं सहयोग के  बिना संभव नहीं है
सुनीता धारीवाल

 .

wow womania show audition 3








आज दिनांक 3 दिसंबर को पंचकुला में वीमेन टीवी इंडिया वीडियो पोर्टल की महिला टीम द्वारा wow  womania गायन के शो के तीसरा ओपन ऑडिशन किया गया जिसमे 28 महिलाओं से भाग लिया और गीत गा कर सुनाये ।शो के म्यूजिक अरेंजर डॉ अरुण कान्त शर्मा ने चयनकर्ता की भूमिका निभायी और सभी गायिकाओं की  गायन प्रतिभा का विश्लेषण किया ।
इस कार्यक्रम में जागृति सूद,मंझली सहारन ,धीरजा शर्मा,नीलम त्रिखा ,सुनीता गर्ग ,सुनीता नैन,सूचीत्रा ,हिमानी जांगडा ,गायत्री ,अनीता जांगडा ,शारदा मित्तल,नितिका अग्रवाल,निशु सहगल ,पवित्रा राणावत ,कंचन भल्ला कविता शर्मा,
शेहला जावेद ,सुमन गुग्लानी,पुनिता बावा  को गायन के लिए चुना गया
इस शो की परिकल्पना श्रीमती सुनीता धारीवाल ने की है जिन्होंने बताया की यह शो भारतीय गायिकाओं के प्रति भावभीनी कृतज्ञता प्रकट करके उनके योगदान को स्मरण करने के लिए रचा जा रहा है ।भारतीय हिंदी फ़िल्म उद्योग में महिलाओं का किस प्रकार से पर्दारपण हुआ वे किन परिस्थितियों में फिल्मो में गाने लगी और किस प्रकार 1930 से आज तक महिला गायिकाओं का सफर जारी रहा ।प्रथम बोलती फ़िल्म आलमआरा से शुरू हुए गायन के सफर से  लेकर आज तक  का सफर इस शो में म्यूजिकल डॉक्युमेंट्री और  लाइव महिला  गायन का संगम के रूप में प्रदर्शित किया जायेगा ।
जिसमे प्रत्येक दशक को दर्शाने के लिए अलग अलग महिलाओं की टीमें भाग लगीं ,चंडीगढ़ ट्राई सिटी की महिलाओं में इस शो के प्रति बेहद उत्साह देखा जा रहा है अब तक 65 महिलाएं तीन ऑडिशन में आ चुकी है जिनमे से 30 को सेलेक्ट कर लिया गया है ।आज के ऑडिशन में मोहाली से आई सुनीता गर्ग ने कहा कि वे गायन के अपने जुनून को रोक रही थी पर अब उन्हें अपने जैसी महिलाओं की टीम मिल गयी है इसलिए वे अब अपनी हसरत पूरी करेंगी ।
इस कार्यक्रम में भाग ले रही 65 वर्षीय कंचन जैन ने कहा कि गाने के लिए वे बेहद उत्साहित हैं और वो नूरजहाँ  सुरैया केे गीत तैयार कर रही हैं ।
युवा गायिका हिमानी  ने कहा सभी आयु वर्ग की महिलाओं के साथ गाना एक शानदार अनुभव है हम इन सब में अपना भविष्य ढूंढ सकते हैं
पेशे से स्कूल टीचर संझना ने कहा कि मैं सिर्फ घर में ही गाती रहती थी और अब मंच पर गाने के लिए उत्साहित हूँ
नीलम ने कहा कि मैं गृहिणी हूँ मैंने कॉलेज में गाया और अब जब मेरे सामने अवसर आया अभी दबाई हुए शौक को बाहर निकलने का तो यह मंच मुझे भा गया और मैं इस टीम में शामिल हो गयो
इस शो का प्रैक्टिस का फाइनल राउंड 18 दिसंबर को होगा और उसके बाद  मंचीय प्रस्तुति के लिए रिहर्सल होगी ।21 जनवरी को चंडीगढ़ के टैगोर थियेयर में इस शो का मंचन किया जायेगा
वीमेन टीवी की निदेशक शालिनी शर्मा ने बताया की वीमेन टीवी का मंच महिलाओं की प्रतिभा को सामने लाने के लिए अवसर प्रदान करता है जिसमे लेखन गायन ,नृत्य रंगमंच ,तथा अन्य सभी कलात्मक विधाओ जैसे पेंटिंग फोटोग्राफी वीडियोग्राफी ,वृतचित्र इतियादी सभी में महिलाओं को अवसर देगा ।प्रशिक्षण के साथ साथ उन्हें पहचान दिलाने के लिए भी कृत संकल्प है
समय समय पर ऐसे इवेंट्स किये जा रहे हैं जिसे व्यापक जन समर्थन मिल रहा है