गिरे तो वही थे
हमने तो बस देख लिया था
हँसे तो कदापि नहीं थे
सकते में थे
मौन हो गए थे
वो आज भी
उस मौन से डर कर
आँखे चुरा कर
बच निकलते हैं
उन जनाब का
लोग सवाल लिए हैं
गुनाह मैंने ही
कुछ किया होगा
वह कैसा बिफर जाता है
कहता हैं मुझे जानता नहीं
कुरेदने पर
घुटनों के बल आ गिरता है
वह नहीं मैं पहचानती हूँ उसे
हमने तो बस देख लिया था
हँसे तो कदापि नहीं थे
सकते में थे
मौन हो गए थे
वो आज भी
उस मौन से डर कर
आँखे चुरा कर
बच निकलते हैं
उन जनाब का
लोग सवाल लिए हैं
गुनाह मैंने ही
कुछ किया होगा
वह कैसा बिफर जाता है
कहता हैं मुझे जानता नहीं
कुरेदने पर
घुटनों के बल आ गिरता है
वह नहीं मैं पहचानती हूँ उसे
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