प्रिय बेटी विभाती
सद शिक्षा व अपेक्षा पत्र
प्रिय बिटिया
आयुष्मति कुमारी विभाती के पाणिग्रहण संस्कार पश्चात समस्त धारीवाल परिवार दवारा प्रेषित
दिनांक 5 दिस्बर 2011 स्थान -पन्चकूला ,हरियाणा,भारतवर्ष
प्रिय बेटी विभाती( गुड़िया)
समस्त धारीवाल परिवाल आज दिनांक 5 दिसम्बर 2011 को आपके सम्मानित कन्यादान पाणिग्रहण संस्कार को सम्पूर्ण कर अभिभूत है।
आपको पुत्री के रूप में पाकर हम धन्य है ।आपके गुणी सदआचरण ने सदा इस परिवार का मस्तक ऊंचा किया है।हम सब उपकृत महसूस करते है।
मूल रूप से पन्जाब प्रदेश के गांव खयाल जिला मानसा तत्पश्चात गांव करौदा (कुरूदाह) व स्थानांतृत खनौरी मन्डी ,जिला संगरूर निवासित दिवंगत चौ मेरह सिंह (उपनाम मीहरू राम ) के वशंज चौधरी मान सिंह जी के सानिध्य मे समस्त धारीवाल परिवाल के सदस्य आपकी सुख,समृद्धि , सुयश व दीर्घआयु की मंगल कामना करते हैं।
हम सब अपनी ज्येष्ठ कुल कन्या से अपेक्षा करते है कि आप अपने वैवाहिक धर्म का स्नेह एंव निष्ठा से पालन करेंगी । आप पधियारी परिवार की वंश वृद्धि ,यश वृद्धि , अन्न वृद्धि, धन वृद्धि, शौर्य वृद्धि के लिये सम्पिर्त हो कर धारीवाल परिवार की कुल मर्यादा को संज्ञान में रखते हुए ससुराल में श्रेष्ठ आचरण व्यवहार में लाती रहेंगी।
आप पधियारी परिवार की कुल लक्ष्मी के रूप में समस्त दिवंगत पित्रजनो , वरिष्ठ वृद्व जनो, ,परिवार के सभी सगे सम्बन्धियों का पूरा मान सम्मान करते हुए , कुल रीति रिवाजों परम्पराओं का संवर्धन करते हुए जीवन निर्वहन करेंगी।
श्रीमान गगन पधियारी एंव श्रीमति लेखा पधियारी को अपने माता पिता समान स्थान देते हुऐ चिंरजीवी देवेन्द्र पधियारी के सम्मान की रक्षा करते हुऐ प्रसन्नता से सुख पूर्वक जीवन यापन करेंगी।
आप इन सब जिम्मेदारियों को अपनाते हुऐ अपने व्यकितगत सुन्दर, साहसिक, स्वाभिमान की भी वीरागनां की भान्ती राष्ट्र हित ,परिवार हित व स्वहित में सुदृढता से सुनिशिच्त कर पाऐंगी ऐसा हमारा विश्वास है।
आप श्रीमान मान सिंह धारीवाल परिवार की ज्येष्ठ सुपौत्री हैं आपका मर्यादित पारिवारिक व सामाजिक आचरण अन्य सभी कनिष्ठ कुल पुत्रियों के लिये प्रतिमान स्थापित करेगा और वे भी आपका सहर्ष अनुसरण कर कुल की प्रतिष्ठा को बढाती रहेंगी ।
आपको पुत्री के रूप में पाकर हम धन्य है ।आपके गुणी सदआचरण ने सदा इस परिवार का मस्तक ऊंचा किया है।हम सब उपकृत महसूस करते है।
मूल रूप से पन्जाब प्रदेश के गांव खयाल जिला मानसा तत्पश्चात गांव करौदा (कुरूदाह) व स्थानांतृत खनौरी मन्डी ,जिला संगरूर निवासित दिवंगत चौ मेरह सिंह (उपनाम मीहरू राम ) के वशंज चौधरी मान सिंह जी के सानिध्य मे समस्त धारीवाल परिवाल के सदस्य आपकी सुख,समृद्धि , सुयश व दीर्घआयु की मंगल कामना करते हैं।
हम सब अपनी ज्येष्ठ कुल कन्या से अपेक्षा करते है कि आप अपने वैवाहिक धर्म का स्नेह एंव निष्ठा से पालन करेंगी । आप पधियारी परिवार की वंश वृद्धि ,यश वृद्धि , अन्न वृद्धि, धन वृद्धि, शौर्य वृद्धि के लिये सम्पिर्त हो कर धारीवाल परिवार की कुल मर्यादा को संज्ञान में रखते हुए ससुराल में श्रेष्ठ आचरण व्यवहार में लाती रहेंगी।
आप पधियारी परिवार की कुल लक्ष्मी के रूप में समस्त दिवंगत पित्रजनो , वरिष्ठ वृद्व जनो, ,परिवार के सभी सगे सम्बन्धियों का पूरा मान सम्मान करते हुए , कुल रीति रिवाजों परम्पराओं का संवर्धन करते हुए जीवन निर्वहन करेंगी।
श्रीमान गगन पधियारी एंव श्रीमति लेखा पधियारी को अपने माता पिता समान स्थान देते हुऐ चिंरजीवी देवेन्द्र पधियारी के सम्मान की रक्षा करते हुऐ प्रसन्नता से सुख पूर्वक जीवन यापन करेंगी।
आप इन सब जिम्मेदारियों को अपनाते हुऐ अपने व्यकितगत सुन्दर, साहसिक, स्वाभिमान की भी वीरागनां की भान्ती राष्ट्र हित ,परिवार हित व स्वहित में सुदृढता से सुनिशिच्त कर पाऐंगी ऐसा हमारा विश्वास है।
आप श्रीमान मान सिंह धारीवाल परिवार की ज्येष्ठ सुपौत्री हैं आपका मर्यादित पारिवारिक व सामाजिक आचरण अन्य सभी कनिष्ठ कुल पुत्रियों के लिये प्रतिमान स्थापित करेगा और वे भी आपका सहर्ष अनुसरण कर कुल की प्रतिष्ठा को बढाती रहेंगी ।
पुनः आपके सुखमय जीवन का आशीर्वाद देते हुए हम सब शुभाकांक्षी
समस्त मातृ शक्ति एंव
श्री मान सिहं , श्री वीरेन्द्रर कुमार, श्री चतर सिंह,श्री मेवा राम,
श्री मोहिन्दर सिंह ,श्री सुभाष ,श्री रमेश कुमार,श्री सतीश कुमार ,श्री सतपाल सिंह ,श्री मन्जीत कुमार ,श्री नरेश कुमार ,श्री जसपाल सिंह
,श्री अंकित धारीवाल,दुष्यन्त धारीवाल, रोहन सिंह धारीवाल ,सक्षम धारीवाल, एंव सभी कनिष्ठ सदस्यगण
श्री मान सिहं , श्री वीरेन्द्रर कुमार, श्री चतर सिंह,श्री मेवा राम,
श्री मोहिन्दर सिंह ,श्री सुभाष ,श्री रमेश कुमार,श्री सतीश कुमार ,श्री सतपाल सिंह ,श्री मन्जीत कुमार ,श्री नरेश कुमार ,श्री जसपाल सिंह
,श्री अंकित धारीवाल,दुष्यन्त धारीवाल, रोहन सिंह धारीवाल ,सक्षम धारीवाल, एंव सभी कनिष्ठ सदस्यगण
लेखन साभार -श्रीमति सुनीता धारीवाल