बुधवार, 27 अप्रैल 2016

पृथ्वी भी दिखाती है












जो भीतर है उसके
उसे खोद खोद
बना दी हैं हमने
बाहर अट्टालिकाएं
हम दिखा रहें है 
कि हम क्या क्या
कर सकते है
वो भी दिखाती है
कभी कभी
कि वो भी क्या क्या
कर सकती है
सुनामी ,भूकंप
उसी की लंबी साँसे है
जब आहत हो कर
वही श्वास भरती है
और तुम
भुरभुरा जाते हो
पृथ्वी दिवस पर पृथ्वी को समर्पित

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