बुधवार, 27 अप्रैल 2016

पता है तुम्हे
शाही लिबास में भी
तुम नंगे हो
मैंने देखा तुम्हे
तुम आंखो से 
अपने कपडे उतार रहे थे
जब तुम
उसे देख रहे थे
जिस पर
बुरका नहीं था
और न कपडे थे
पर वो पूरी ढकी थी
"बुर्के के बिना औरत नंगी होती है !"सोच_है_या_शौच
लुबना की पोस्ट पर लिखा मैंने जवाब उपरोक्त कविता

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें