जो आप पर सौ प्रतिशत विस्वास कर आपके साथ समर्पित भाव से जुड़ा हो तो आपकी जिम्मेदारी उसके विश्वास को और भी गहरा करने के प्रति बनती है और ज्यादा सतर्क रहने की भी
विश्वास अपने आप में ही जिम्मेदारी की कठोर बेड़ी है यदि कोई समझे समझणीये की मर है ये भी
विश्वास अपने आप में ही जिम्मेदारी की कठोर बेड़ी है यदि कोई समझे समझणीये की मर है ये भी
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