बुधवार, 27 अप्रैल 2016

औरत खाली भी और अकेली भी

बहुत कुछ होता है 
एक औरत के पास 
धन सम्पति के
के अतरिक्त भी
जिसे लूटने की फ़िराक में 
होता है जहान
जब
वह अकेली होती है
तब
पात्र बन विश्वास का
उकेरते है
परत दर परत
उसका सब
तन मन धन
अब
वो खाली भी होती है
अकेली भी


सुनीता धारीवाल जांगिड 

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