बुधवार, 27 अप्रैल 2016

किसी को अपने इज़्ज़तदार और शरीफ होने का भ्रम है तो वह एक बार सियासत में आजमा ले खुद को -वहम निकल जायेगा 
यह मात्र उपमा है जो हम सबसे ज्यादा खुद के लिए इस्तेमाल करते हैं औरो के लिए इस्तेमाल करने से पहले सोच में पड़ जाते है
संभावित है कि खुशफहमी के चलते आप सियासत में उतरने का साहस नहीं करेंगे 
और खुद की आलोचना जो कभी न सुनी हो उसे भी सहन नहीं कर पाएंगे

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