रविवार, 10 अप्रैल 2016

लौटना होगा

लौटना ही होगा
जिंदगी की ओर
अगली भोर
तेरी ओर
लौटना ही होगा
कलम की ओर
अगला शोर
कागज की ओर
लौटना ही होगा
अब घर की ओर
चुग कर दाना
परदेस को छोड़
लौटना ही होगा
जड़ो की ओर
चाहे हैं खुरदरी
पर होती वही है
कोमल फूलों का
सुन्दर पत्तो का
टहनियों का आधार

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