बुधवार, 27 अप्रैल 2016

मैं -ताई या रामकरण की छोरी 16 -17 की भी नहीं हुई होगी ईबे मांग भी दई थमनै 
ताई -हाँ बेटी घणी उमर की होयां पाछै रूप कोनी चढ्डा छोरी कै ब्याह मैं पाकी पाकी सी भुंडी लागै सिंगार ज़ेवर कुछ भी न जचता काची काची सी ऐ छोरी लागैं सीता बरगी 
पोस्ट का के ताई का लॉजिक समझण की कोशिश कर रही हूँ 

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