शनिवार, 9 जुलाई 2016

आज की सरकार -एक अँधा एक कोढ़ी


देखिये  क्या  कहना  है वयोवृद्ध  चिन्तक  श्री  मान  सिह  जी  का  अलग अलग विचारधारा के लोग जब मिल कर सरकार  बनाते  तो  तो  जनता  और देश  की  क्या हालत होती है - जानिए  इस  भजन कविता  में


ए जी ए जी देश में
रब्ब का रूप सरकार
भेदभाव जो लीडर करते
इब  देंगे  लोग नकार

गरीबों  से  दूर  क्यूँ  है ?
आज़ादी के फल फूल
किसानो की हालत  माड़ी
लागू  सारे  पुराने रूल
मजदूरा का काम गया
सडका ऊपर फांके धूल
पढाई  व्यापार  बणगी
खाली हैं  सरकारी  स्कूल
आई टी आई  बंद पड़ी
न  लड़के न   कोई  टूल
हस्पताल में  डाक्टर कोन्या
पेड़ा पै रहे बांदर झूल
अर्ज सुनै ना ठाणे मैं कोई
बिन पैसे पड़े फटकार

देस मैं रब्ब का रूप सरकार ए जी ए जी

कटपुतली बन के रह गयी
पंच्याता का देखो काम
सरकारी दबाव के नीचे आगे
छोटे बड़े सारे  गाम
बिजली के बिल देखो
आये दिन बढ़ावे दाम
गली गली  मैं  मिल जाते हैं
नकली नोट  भाई सरे आम
तस्करी मैं वजीराँ के
फ्रंट पेज पै आते  नाम
छूरी बगल मैं राखे कोई
कोई मुहं  तै बोले राम राम
जुआ  सट्टा रोज रोज
रोज होते सुने बलत्कार
वोट पड़े जब लीडरां के
आ जाती गरीबी याद
पहलम पहलया याद राख्ने
भूल जाते उसके बाद
न्यू कहते हम तुम सें बराबर
भारत सै अपना आज़ाद
किसानो को लेना पड़ता
नकली बीज दवाई खाद
सुनता  न शिकायत कोई
फसल हो जाती बर्बाद
आत्महत्या करके मर ज्यां
कोई सुनता नहीं पुकार
खेती हर मजदूराँ की
न  सुनता कोई पुकार

रब्ब का रूप  सरकार  ए जी ए जी

सडका पै गरीब सोवें
कोई करै कोठी  मैं मौज
हम सब को मकान देंगे
झूटी बातें करे रोज
बिन चाहे भी ले जाते है
जिनकी है तकडी अप्रोच
काला धन छुपावण खातर
बिदेश में करे खोज
गरीबा पै बोझ  बढया
टैक्स बढ़ा के रोज
पुलिस पार्टी बेबस होगयी
काबू करे आ के फ़ौज
मान सिहं जनता जाण गयी
जो झूठे करें इकरार

देश में  रब्ब का रूप संसार ए जी ए जी

रचयिता -मान सिंह धारीवाल



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