शुक्रवार, 27 मई 2016

प्यार हो जायेगा मेरी रूह से


मत पढो
मत सुनो
मेरी बातें
प्यार हो जायेगा
मेरी रूह से
अनश्वर बस वही है
अल्लाह से मिल कर आई है
इसलिए मोह लेती है तुम्हे
जादूगरनी है
आपे से बाहर हुई जाती है
नश्वर को लिपटाये फिरती है
न तो लिपट जाती कब की
हर रूह से
जो अभी अभी अल्लाह से
मिलने जाती है या लौट के आती है
ईश्वर अल्लाह तेरो नाम सबको सदमति दे भगवान्

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें