Wild wild country ओशो के बारे में उसकी विवादास्पद यात्रा के बारे में देख लीजिए netflix पर
सब माजरा समझ आ जायेगा ।एक कहानी में कई कहानियां है रोचक ,हैरान कर देने वाली , सोचने पर मजबूर करने वाली ।कुल मिला के दिलचस्प है ।यह सब उस दौर में तब घट रहा जब मैं अपनी किशोर अवस्था को पार कर रही थी और ओशो का जिक्र वर्जित था समाज मे टैबू था पर हम ने सिर्फ नाम सुना था कि कोई बाबा है गन्दा आश्रम है उसके बारे में कोई जिज्ञासा और बात नही करनी होती ।मुझे याद नही किस ने मुझे एक कैसेट दी थी ओशो के एक लेक्चर की ।तब
मैं 30 वर्ष की आयु में थी तब वह कैसेट सुनी थी जिस में स्त्री के बारे में थी । कि स्त्री आखिर है क्या ।उस कैसेट के बाकी कंटेंट तो याद नही बस एक बात जो मैने सीखी और अपनाई वह यह थी कि स्त्री का सबसे खूबसूरत रूप उसका मां हो जाना है वह किसी की भी मां बन सकती है ।स्त्री तब पूर्ण स्त्री है जब कोई कामातुर पुरुष आप के पास आ जाये और आपके सामने आते ही उसकी वासना की ऊर्जा बदल जाये वह आपके पास आते ही पुत्र हो जाये और आपकी गोद मे सर छुपा कर माँ की सुरक्षित गोद की गर्मी को महसूस करे ।वह नतमस्तक हो जाये घुटनो के बल बैठ कर वह बालक हो जाये ।आपका पति भी आपका बालक हो जाये वह मां की ऊर्जा को महसूस करे ।तभी स्त्री की सार्थकता है ।
मुझे यह बात बहुत असर हुआ कि मैंने सब की मां हो जाना स्वीकार किया ।कि मन मे कभी किसी के लिए यदि भाव बनने लगे तो भावों को मां बनने की ओर केंद्रित कर दो ।अनेक बार जीवन मे मैंने इस मां के रूप को जीवंत किया है बहुत से लोगो के लिए ।जब हम मां हो जाते है तो सिर्फ आपको मातृत्व प्रेम से भर जाना होता है ।हम सब गलतियां माफ करती रही जीवन भर ।माँ हो कर देखने भर से ही हम कितने लोगों के प्रति दया और प्रेम महसूस कर के उन्हें माफ करते है ।
सच में मेरे जीवन मे यह कारगर हुआ ।जब आप एक बेहद सुंदर और आकर्षक युवा महिला है तब ऐसे किसी भाव से या कहो तकनीक से लैस हो जाना एक वरदान होता है जो हमें बहुत से अनचाहे अनुभवों से बचा लेता है ।यह मां हो जाने की सोच एक बहुत बड़ा सुरक्षा कवच है जिसका इस्तेमाल मैंने बहुत किया ।यह कम योगदान नही है ओशो का मेरे जीवन में
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