बुधवार, 8 अप्रैल 2020

ए औरत 
तू बेल 
अंगूर की 
 माली का छद्म वेश धरे 
व्यापारी से बच 
निवेशक से बच 
वो सीचेंग 
धैर्य से 
एक दिन 
तेरा मर्दन कर 
मदिरा के लिए 
तू बच 
दूर निकल जा 
व्यापारी की 
पंहुच से दूर 
चिल्लाने दो 
खट्टे अंगूर हैं अंगूर खट्टे हैं 
सम्भालो 
फल  अपने 
व्यापार के लिए 
नही 
देव समर्पण के लिए हैं 
ऊंची उठो 
बहुत ऊंची
पँहुच से बाहर
हो जाओ 
और जियो 
अपनी स्वतंत्रता 
अपनी नियति
तुम वस्तु नही हो 
जीवन है तुम में 
जियो अपने मन से 
छद्म धूर्त साधु संत 
तुमको मिलते रहेंगे अनन्त 
बढ़ी चलो ..

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