रविवार, 5 अप्रैल 2020

ऐ साहिब.....!!
तुम्हीं तो हो मेरे यकीन 
बस तुमसे ही  करूँ मैं मेरी शिकायते 

ए साहिब 
तुम ही तो हो 
मेरी भोर अलसाई सी 
तुम पर बिछ जाऊँ
 मैं ओस बन के 
ए साहिब 
तुम ही तो हो 
सुबह का सूरज 
तुम्हे ही दूँ मन अर्घ्य मेरा
ए साहिब तुम ही तो हो 
..

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