सोमवार, 6 अप्रैल 2020

कोई तो ऐसा लम्हा हो 
जिसको दोहराना चाहूँ मैं 

कोई रूठे तो सच में मुझसे 
जिसको मनाना चाहूँ मैं 

हूँ राम रची में मैं राजी 
पाया सब अपनाना चाहूँ मैं

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