सोमवार, 20 अप्रैल 2020

तुम्हे क्या पता 
कितनी बार मरी वो 
मरने से पहले 
शर्म से 
उपहास से 
आत्मग्लानि से 
अवसाद से 
अनदेखी से 
जीने के लिए 
चाहिए ही क्या था उसे 
बस थोड़े से 
प्रेम 
विस्वास 
सरंक्षण 
और सम्मान के सिवाय

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