वहां सुकून का झोंका
बड़ा अच्छा था
चाहे घर मेरा वहां
अभी तक कच्चा था
मेरे अपनो ने जो
घोंपा था छुरा वो भी सच्चा था
तूफानों से जूझने का
मेरा हुनर भी तो अभी बच्चा था
आज भी है उस शहर से
है मेरा करीबी नाता
जहां मैंने जाना
रिश्तों को बनाना
हर हाल निभाना
जहां मैंने जाना
मेरी ताकत क्या है
अकेली औरत को रहने
में है आफत क्या
नारी हठ से जो मिलती है
वो है ताकत क्या
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