सोमवार, 23 मार्च 2020

क्यूँ शब्दों पर आ जाते हो 
कुछ आँखों ने भी तो कही होगी 
अपने  दुःख में हिस्सेदार बना 
मेरी तो  ख़ुशी यही होगी
तुम भीड़ में निपट अकेले हो 
यह बात भी  तुम ने  कही होगी 
माना की मुख न खोला तुमने 
बिन कहे मैंने ही सुनी होगी

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