सोमवार, 23 मार्च 2020

धत तेरेकी 
ओ कान्हा इस होली
मैं तेरी फिर से हो ली
तेरी मेरी तकरार 
जो होनी थी सो हो ली
फैंकी थी जो तूने कीचड़ 
मुझ पर सालों साल 
ओ माँ के लाल
देख इधर मेरी अंगिया
 मैंने फिर धो ली
फिर से डाल  सबरंग 
या चाहे उड़ेल फिर कीचड़
 पागल मैं दीवानी तेरी 
  इस होली फिर से हो ली
धत तेरे की

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