गुरुवार, 11 मई 2017

तुम दूर कहीं एक बादल

मैं सूखी बंजर धरती
तुम दूर कहीं एक बादल

मैं तुमको ताका करती हूँ
तेरे जल में झांका करती हूं

मैं आस करूँ बस तेरी
तुम प्यास मिटा दो  मेरी

भीगूं और गीली हो जाऊं
उर्वरा कण कण में हो जाऊं

मैं  जल बीज तुम्हारा चाहूँ
इस धरती पर ले आऊं

कोई तुमसा कारा कारा
नन्हा सा कोई दुलारा

मेरी गोद भरे बादल से
मैं खुद जल थल हो जाऊं

जब पास तुम्हारे आऊं
जग हरियाली कर आऊं

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