मैं सूखी बंजर धरती
तुम दूर कहीं एक बादल
मैं तुमको ताका करती हूँ
तेरे जल में झांका करती हूं
मैं आस करूँ बस तेरी
तुम प्यास मिटा दो मेरी
भीगूं और गीली हो जाऊं
उर्वरा कण कण में हो जाऊं
मैं जल बीज तुम्हारा चाहूँ
इस धरती पर ले आऊं
कोई तुमसा कारा कारा
नन्हा सा कोई दुलारा
मेरी गोद भरे बादल से
मैं खुद जल थल हो जाऊं
जब पास तुम्हारे आऊं
जग हरियाली कर आऊं
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