शनिवार, 29 फ़रवरी 2020

थोड़ा सा माहौल बनाना होता है,
वर्ना किस के साथ ज़माना होता है!

सच्चा शेर सुनाने वाले ख़त्म हुए,
अब तो ख़ाली खेल दिखाना होता है
            

ऐसी कोई बात नहीं मायूसी की,
सच में थोड़ा सा अफ़्साना होता है!

  सब की अपनी एक इकाई होती है,
 सब का अपना एक ज़माना होता है

दुनिया में भरमार है नकली लोगों की
सौ में कोई एक दीवाना होता है

रात हमारे घर जल्दी आ जाया कर
हमें सवेरे काम पे जाना होता है

आज बिछड़ते वक़्त मुझे मालूम हुआ
लोगों में अहसास का खाना होता है

लाल किले की दीवारों पर लिखवादो 
दिल सबसे महफूज़ ठिकाना होता है

अच्छे लोगों पर ही उँगली उठती है
सच की किस्मत में अफसाना होता है

आंसू पहली शर्त है इस समझौते की
गम तो साँसों का जुर्माना होता है

इश्क में सब खुश होकर सूली चढ़तें हैं
सारा ज़ब्र रज़ाकराना होता है

ज़ब्र----दमन
रज़ाकराना--स्वेच्छा से

Shakeel Jamali

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