गुरुवार, 2 मार्च 2017

तेरी खुशबू का पता करती है
मुझ पर एहसान हवा करती ह
: ये जो
तुम हो
तुम ही बाक़ी हो मुझ मेँ..

वो जो
मैं थी
वो तो मर गई तुम पर.!

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