रविवार, 9 जनवरी 2022

तसमेनियन टाइगर ? इनका क्या हुआ ऑस्ट्रेलिया में ? यात्रा संस्मरण

टाइगर की पहचान उसके तन पर पड़ी धारियों से होती है यह जंगली ताकवर जीव मांसाहारी है क्या हो जब एक जीव का शिकार इतनी मात्रा में किया जाए कि वह लुप्त ही हो जाये और अब तस्वीरों में हम उसे देख पाए ।अब चाहे जितने भी प्रयास कर लें हम वापिस उस जीव को पैदा नही कर सकते ।अवशेष भी नही मिल रहे तो अब जीव विज्ञानी पुरात्तव विज्ञानी  पत्थरों बीच उनकी हड्डियां ढूढ रहे हैं अवशेष ढूंढ रहे है कि हम उन्हें तकनीक के माध्यम से जिंदा कर लें पर अभी तक ऐसी कोई सफलता नही मिली है ।मानव द्वारा किसी जीव का इतना संहार कर लिया जाए कि उसका समूल नाश हो जाये।और तसमेनिया में  यही हुआ है तसमेनियन  टाइगर के साथ ।अब केवल पुस्तकों में ही इसका जिक्र है पर धरती पर नही है ।और बाकी बचती है अफवाहें और कल्पनाएं स्थानीय लोग ऐसी कथाएं घडते रहते है कि किसी ने यहां देखा किसी ने वहां देखा पर सबूत नही मिलते ।
यह देखिये चित्र
यह धारीदार जीव अब नही है यह मानव की भेंट चढ़ चुका है 
चलिए बाकी जीवों को भी देख लेते हैं 



।हर देश का अपना प्राकृतिक वनस्पति जीव जंतु होते हैं
यह पोसम है यह बड़े आकार का चूहा है भारतीय बिल्ली से बस थोड़ा सा छोटा होता है और शहरों में भी मिलता है ।वहां पर भेड़ पालन होता है 



घोड़ो के अस्तबल हैं गाय हैं और कुत्ते भी है परंतु सब पालतू है सड़को पर कोई भी आवारा पशु नही मिलेगा बस पौसम चूहा और ही सब जगह दिखाई दे जाता है बाकी सब तो जंजीरो से बंधे हैं 

घोड़ो की ट्रेनर रेबेका अपनी  कीशोरी घोड़ी लूसी के साथ - तस्वीर मेरे द्वारा ली गई है 

लोगों को यहां घोड़े पालने का शौक है हरी भरी चरागाहों की शोभा बढ़ाते यह घोड़े बहुत ही खूबसूरत है घोड़ो को मच्छरों से बचाने के लिए उन पर कवर डाल दिये जाते है घोड़ो के अलग प्रकार के कपड़े है वे भी सजा दिए जाते है ।महिलाएं घोड़ो की ट्रेनर है और इन अस्तबलों की मालकिन भी हैं और घोड़ो को इधर उधर ले जाने के वाहन तो बड़े ही खूबसूरत बनाये जाते है 


सड़को पर आपको अक्सर यह वाहन मिलेंगे कार जीप के पीछे बांध दिए गए यह हॉर्स फ्लोट बहुत ही आकर्षक लगते हैं ।
यहां पर ऊंट है बड़ी मात्रा में रेगिस्तान है सूखा इलाका है दूर दूर तक हरियाली नही केवल सूखी  और तपती धरती उस पर जिंदा है ऊंट ।इस विषय पर अलग पोस्ट लिखूंगी कि पानी के कारण कितने ऊंटों को गोलियों से मार दिया जाता है ताकि वह मनुष्य के हिस्से का पानी न पी जाएं ।
साँप, लोमड़ी ,भेड़िये  गिद्ध भी हमें दिखाई दिए ।
 यहां पर सांपो की भरमार है जगह जगह चेतावनी बोर्ड लगे होते है कि यहां साँप है कृपया  ध्यान दें ।यहां के सांपों पर भी एक पोस्ट अलग से लिखना चाहूंगी।

यहां पर पालतू गाय है दूध पीने का ज्यादा चलन नही है अधिकतर  भारतीय लोग ही दूघ की खपत करते है ।
यहां पर दस हजार से भी ज्यादा समुद्र के तट है इसलिए जल में रहने वाले जीवों की भी भरमार है स्थानीय लोग उन्हें जानते पहचानते है ।थल के अलग और जल के अलग जीव है  जंगल हैं तो खूबसूरत पक्षी भी हैं ।यहां  टर्की एक पक्षी है इमू है इसकी भी एक कहानी है feather in the cap वह भी आपको सुनाऊँगी 
अभी के लिए बस इतना ही ,

सुनीता धारीवाल 

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