एक गुलाबी सी छत का सपना लो बेटियो .....सपनो के राजकुमार के सपने से पहले ..तुम्हारा अपना घर ...सिर्फ तुम्हारा ..जहां से कोई तुम्हे न निकाल सके कभी भी
#pinkroof campagin
जिन्हें यह विचार सार्थक लगे वह इसे जरूर कॉपी कर के अपनी वाल पर शेयर करें
वरिष्ठ सामाजिक चिंतक व प्रेरक सुनीता धारीवाल जांगिड के लिखे सरल सहज रोचक- संस्मरण ,सामाजिक उपयोगिता के ,स्त्री विमर्श के लेख व् कवितायेँ - कभी कभी बस कुछ गैर जरूरी बोये बीजों पर से मिट्टी हटा रही हूँ बस इतना कर रही हूँ - हर छुपे हुए- गहरे अंधेरो में पनपनते हुए- आज के दौर में गैर जरूरी रस्मो रिवाजों के बीजों को और एक दूसरे का दलन करने वाली नकारात्मक सोच को पनपने से रोक लेना चाहती हूँ और उस सोच की फसल का नुक्सान कर रही हूँ लिख लिख कर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें