बच्चियां जो कभी बच्चियां और किशोरी नहीं होती -
हमारे शहरों में हमारी ही नाक के नीचे कितने ही बाल विवाह हो जाते है कितनी ही किशोरवय बच्चियां माँ भी बन जाती है और हमारा ध्यान इस ओर जाता ही नहीं - हमारे मोहल्ले की धोबन कमला की बेटी मौलीनि जैसी कई बार अभागी 18 वर्ष में तीन बच्चो की विधवा माँ भी हो जाती हैं -कभी हमने इनके घरों में झाँकने की भी कोशिश नहीं करते -इनकी बच्चियां माँ के साथ साथ घरों में काम करते करते बड़ी हो जाती हैं और आठ साल की आयु में घरों में काम करने लगती है 99 प्रतिशत यौन उत्पीडन का शिकार होती है -(वक्त से पहले जवान हो जाती है -शारीरिक नहीं मानसिक रूप से )बड़ो की तरह व्यवहार करने लगती हैं -13-14 साल की लड़की खुद अपने लिए वर मांग लेती है नहीं तो किसी के भी संग भाग जाने की धमकी भी देती हैं -ये वो बच्चिय है जो बचपन से सीधे जवानी और अधेड़ अवस्था में प्रवेश करती हैं -किशोरवय जैसी कोई उहापोह की स्थिती तो आती ही नहीं
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