सोमवार, 9 नवंबर 2020

बना बनाया मंच नही देगा

अनुभव
बना बनाया मंच नही देगा कोई स्वयं लकड़ी इक्कठी करो। कील लगाओ जोड़ो काँधे पर उठाओ ।लोगो को जोड़ो ।मदद लो न मिले तो भी अकेले लगे रहो । फिर बार बार खुद की सहनशीलता टेस्ट करो ।मंच गिरेगा तो नही । गिराने वालों से भी बचाओ ।आलोचना करने वालों से भी दो चार गाली सुनो । सालों साल मंच को कंधे पर उठा कर रखो ।फिर जब आप स्वयं इतने सक्षम हो जाएंगे कि किसी अन्य के मंच की आपको जरूरत ही न पड़े तभी सारे मंच आपके लिए खुल जाएंगे ।तुम मुझे मंच दो मैं तुम्हे अपना मंच दूंगा ।
कोई भी आपको मंच या अवसर इसलिए नही देता कि आपको उस अवसर की उस मंच की बहुत जरूरत है इसलिए देंगे कि अब आप उनके भी बहुत काम आ सकते हो ।आपकी उपयोगिता आपके सम्मान की मात्रा निर्धारित करती है ।समाज का सच यही है ।संतोष यह रहेगा जीवन भर कि हम ने जुनून रखा तो बहुत से साधनहीन प्रतिभाशाली लोगो को मंच दिया अवसर दिए ।जितने में मेरे सामर्थ्य में उतने ही कर पाई ।आजकल सोशल मीडिया में जो भी आप करते हैं तब दिख जाता है ।जब हम काम कर रहे थे दीन दुनिया भूल कर तब सिर्फ अखबार होते थे उनकी खबर भी स्थानीय पन्ने तक रह जाती थी ।और दूसरे जिले तक मे ज्यादा खबर नही होती थी ।कभी कभी कोई राज्य के पेज पर खबर छपती थी तो सब को पता चलता था कि कुछ कार्यक्रम हुआ ।अब तो सम्वाद व प्रचार की बहुत आसानी है । लिखने की भी स्वतंत्रता है स्वयं की भी

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