कानाबाती

वरिष्ठ सामाजिक चिंतक व प्रेरक सुनीता धारीवाल जांगिड के लिखे सरल सहज रोचक- संस्मरण ,सामाजिक उपयोगिता के ,स्त्री विमर्श के लेख व् कवितायेँ - कभी कभी बस कुछ गैर जरूरी बोये बीजों पर से मिट्टी हटा रही हूँ बस इतना कर रही हूँ - हर छुपे हुए- गहरे अंधेरो में पनपनते हुए- आज के दौर में गैर जरूरी रस्मो रिवाजों के बीजों को और एक दूसरे का दलन करने वाली नकारात्मक सोच को पनपने से रोक लेना चाहती हूँ और उस सोच की फसल का नुक्सान कर रही हूँ लिख लिख कर

शनिवार, 25 दिसंबर 2021

हम शहरी नस्ल के लोग और यह बड़ी बिल्लियां ...तेंदुए -और गद्दी कुत्ते और कहानियां

आप इस कुत्ते की तस्वीर को देख कर बताएं कि इस के गले मे लोहे का यह अजीब का पट्टा क्या है क्यों है 

हो सकता है बहुत से लोग इसके बारे में जानते हो और बहुत से लोग मेरी तरह न भी जानते हों ।इस पट्टे का सम्बंध है जंगली तेंदुओं से कुत्ते की गर्दन को बचाना ।क्योंकि तेंदुआ कोई भी शिकार करेगा तो गर्दन से पकड़ेगा ।गर्दन पर हमला करते ही वह इस पट्टे पर लगे नुकीले कवच से चोट खायेगा और पीछे हटेगा ।बहुत बार इस के कारण  कुत्तों की जान बच जाती है ।जिस क्षेत्र में जंगली जानवर है वह कुत्तो को पालते है  और रात को कुत्ते को घर के बाहर खुला छोड़ देते है ताकि किसी भी आहट पर कुत्ता भौक कर सूचना दे सके ।
बहुत से तेंदुए घरो की ओर हमला करते है यह जानते हुए कि कुत्ता तो जरूर मिलने वाला है ।और यह भी मान्यता है कि कुत्ते का मास तेंदुए को प्रिय है जो भी जानवर नमक का सेवन करता है उसका मास स्वादिष्ट हो जाता है कुत्ता मनुष्य के घर का नमक से बना भोजन खाता है तो वह जंगली तेंदुए के लिए स्वादिष्ट शिकार है ।चलिए अब थोड़ा तेंदुओं के बारे में भी जान लेते हैं




भारत मे तेंदुआ हिमाचल ,उत्तरांचल ,आसाम ,राजस्थान ,महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के जंगलों में पाया जाता है।जंगल सिमटते जा रहे है और हम विकास की अन्धाधुंध दौड़ में इन रह वासियो के घरौंदे उजाड़ रहे है कभी कभी यह साथ मनुष्य की बस्तियों में आ जाते है तो हम उन्हें खदेड़ देते हैं और मार भी देते हैं ।धरती पर रहने वाला जीव और जीवन बहुत रोचक है सब की अपनी अपनी विशेषता है अपनी अपनी कमजोरी ।
तेन्दुआ पैन्थरा प्रजाति का एक विडाल है जो मुख्यतः अफ़्रीका और एशिया में पाया जाता है। यह विडाल प्रजातियों जैसे शेर, बाघ और जैगुअर की तुलना में सबसे छोटा होता है। लेकिन तेंदुए बहुत शक्तिशाली और चतुर जीव है और इनकी एकाग्रता तो लाज़वाब होती है। शिकार को पकड़ने की तकनीक और हमला करने की शैली इन्हें एक अव्वल दर्जे का शिकारी बनाती है। यह पेड़ पर चढ़ जाता है और अव्वल दर्जे के तैराक होते हैं ।
अब तो हम ने इन जंगली जीवों को अभ्यरणयो में छोड़ दिया है या जंगल सीमित कर दिये है अगर हम अपने बुजुर्गों से कहानियां सुने तो वे इन बड़ी बिल्लियों की आंखों देखी कहानियां सुनाया करते थे।हमारी बाल कहानियों  में पाठ्य  पुस्तको में शेर चीते तेंदुए होते थे ।
 पुस्तकों  में भी जंगली जानवरों की कहानियां थी 
पर अब नही है हम हमारे बच्चों के लिए पाठ है कि यह जंगली जानवर खत्म हो रहे हैं हम ने इन्हें कैसे बचाना है ।
देश मे जगंलों और जंगली जानवरों को ले कर कुछ परंपराएं मान्यताये और व्यवस्थाएं तो   अभी भी कायम है कि इन जंगली जानवरों से कैसे पेश आया जाए ।हिमाचल के गद्दी समुदाय के लोग भेड़ बकरियां पालते हैं और  लंबी यात्रा करते हैं सर्दियों में मैदानी इलाकों की ओर गर्मियों में ऊपर की ओर यात्रा करते हैं अपने इस पशु धन की  रेवड की रक्षा करने के लिए यह पहाड़ी कुत्ता पालते हैं इसे  गद्दी कुत्ता भी कहते हैं 


 उत्तराखंड क्षेत्र में इस कुत्ते तो भोटिया भी कहते है यह कुत्ता पूरे रेवड को नियंत्रण में रखता है और जंगली बाघो और तेन्दुओ  से भी रक्षा करता है यह कुत्ता तेंदुओं से भी टक्कर लेता है भिड़ जाता है । “भोटिया कुत्ता”। यह नाम सुनते ही हर कोई अपने मन में एक भारी-भरकम, बड़े जबड़े वाला, आक्रमक, भीमकाय शरीर वाले कुत्ते चित्रण कर लेता है। भोटिया कुत्ता अपनी वफादारी के लिए पहाड़ों में काफी प्रचलित है। उसका भीमकाय शरीर देख कर पहाड़ों के जंगली जानवर जैसे बाघ, तेंदुए, गुलदार आदि एक बार को पीछे हट जाते है ।
इन कुत्तों में बारे मे आगे किसी लेख में चर्चा करूँगी आज के लिए पुनः लौटते हैं तेंदुए की ओर 
तेंदुए,बाघ हिरण सब तरह से  अन्य पशु पक्षी सब हमारे जीवन का हिस्सा रहे हैं परंतु अब हम इन से दूर है ।
अब हमें याद आता है कौन कौन से जू में चिड़ियाघर में अभ्यारण्य में हम ने इन्हें देखा या कुछ घटनाये याद आती है जैसे  कैसे एक व्यक्ति अभ्यारण्य में शेरो के बीच
कूद गया ।शेर ने कैसे गर्दन से पकड़ा और भीतर ले गया ।या कभी कभी  हमारे फोन तक वीडियो आते है कि इंसानो की बस्ती में आ गया तेंदुआ या शेर और सब लोग इधर उधर  भाग रहे हैं गोलियां चला रहे है ।जंगल और जंगल की कहानियां अभी भी हमें आकर्षित करती है अभी नेटफ्लिक्स पर अरण्यक नामक वीडियो शृंखला है जो नर भक्षी तेंदुए को ले कर सस्पेन्स फ़िल्म है ।उस मे भी काला तेंदुआ दिखाया गया एनिमेशन की मदद से ।अब यह सब जानवर  हैं तो सही पर हमारे बहुत आस पास नही है 




ट्विटर पर बहुत से अधिकारी है जो फारेस्ट सर्विस में हैं उन्हें फॉलो करती हूं  तो कुछ मजेदार जान कारी मिलती रहती है  क्योंकि वह सब उनके खुद के सच्चे अनुभव शेयर करते रहते हैं।
सुनीता धारीवाल 
Resource -
स्क्रीन शॉट यहां चिपका रही हूं 












   
Sign in
  • राष्ट्रीय
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • उत्तराखंड
  • खेल
  • वीडियो
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • अजब – गजब




प्रस्तुतकर्ता कानाबाती पर 11:59 pm
इसे ईमेल करेंइसे ब्लॉग करें! X पर शेयर करेंFacebook पर शेयर करेंPinterest पर शेयर करें

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

नई पोस्ट पुरानी पोस्ट मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें (Atom)

संपर्क फ़ॉर्म

नाम

ईमेल *

संदेश *

सदस्यता लें

संदेश
Atom
संदेश
टिप्पणियाँ
Atom
टिप्पणियाँ

लोकप्रिय पोस्ट

  • नानी का कच्चा घर बछिया और मैं -
    नानी का कच्चा  घर बछिया और मैं   - गर्मियों  की छुटियाँ  हैं आजकल सूर्य देवता अपना तेज बढ़ा कर बच्चो को  ढेर सारी स्कूल की छुट्टियाँ दिल...
  • बस स्वीकार कर लो- कभी कुछ था
    अपनाओ मत  बस स्वीकार कर लो कभी था कुछ  तेरे मेरे बीच जो जिस्मो में भी जिस्मो से परे था नजर चुरा कर तुम्ही तो लगाते हो मोहर कुछ होने की अ...
  • अतिक्रमण
    जी हाँ मानती  हूँ मैं मेरे घर में भगवान की  कमी  है मैंने नहीं बनायीं उसकी कोई जगह घर के किसी कोने में नहीं  रखी...
  • पंजाबी टप्पे लोक गीत
    हाथ जोड़ा ए पखियाँ दा वे इक वार तक सोहनेया की जांदा ए अखियाँ दा दो कारा बजार आइयाँ झिडक न देयीं सोहनया अखां करण दीदार आइया मुल्तान नू ...
  • किसी र्भ्रूण को स्तनपान करते देखा सुना है आपने ।आओ बताएं भी और दिखाएं भी #ऑस्ट्रेलिया भ्रमण संस्मरण
    यह देखो सब : कंगारू आश्चर्यचकित करता है जिसका भ्रूण माँ के स्तन से दूघ पीता है मेरे लिए यह अति हैरान करने वाली जानकारी थी ।मेरे ...
  • कैमल टो आखिर है क्या जिसकी इतनी चर्चा है - जानिये क्या हैं दिखाऊ छिपाऊ पैड्स "Camel Toe: Exploring the Trend, Its Impact, and the Psychology Behind the Fashion"
    अनेक वेब  पोर्टल पर और  अनेक ऑनलाइन चर्चाओं में आजकल कैमल टो की बात हो रही है आप भी सोच रहे होंगे कि अचानक सर्दियों में यह ऊंट के पंजों का ज...
  • निवस्त्रता व्यवसाय में महिलाएं #स्ट्रिप कल्ब संस्मरण। Behind the Velvet Curtains: A Journey into the World of Strip Clubs and Society’s Perceptions"
    यह कुछ ऐसा है कि आप ने एक खूबसूरत वयस्क शरीर को नग्न देखना है यानी एक आकर्षक नाप वाले शरीर को नितांत नग्न देखना है और उसके लिए क...
  • हे आम नारी -राज गली नहीं आसाँ पर जाईये ज़रूर
     हे आम नारी राजगली आसान नहीं  – पर चलो चुनावों के लिए अपनी दावेदारी करते हैं चलो चुनाव लड़ते हैं  हरियाणा में स्थानीय नि काय के ...
  • घाट घाट का पानी और मैं -औरत
    ठीक ही तो कहते हो सही पहचाना घाट घाट का पानी  पिया है मैंने यही रहा मेरा आजीवन पर्यटन कितने मंदिरो  मस्जिदो  गुरुद्वारों के घाट पहु...
  • वास्तु दोष
    वास्तु दोष सी  होती हैं वह औरतें  जो विवाह रस्मो पश्चात  दहेज के संदूक में  रख लाती हैं  चन्द किताबें  चन्द सपने अपनी पहचान का जू...

फ़ॉलोअर

FOLLOWERS

कानाबाती

वरिष्ठ सामाजिक चिंतक व प्रेरक सुनीता धारीवाल जांगिड के लिखे सरल सहज रोचक- संस्मरण ,सामाजिक उपयोगिता के ,स्त्री विमर्श के लेख व् कवितायेँ - कभी कभी बस कुछ गैर जरूरी बोये बीजों पर से मिट्टी हटा रही हूँ बस इतना कर रही हूँ - हर छुपे हुए- गहरे अंधेरो में पनपनते हुए- आज के दौर में गैर जरूरी रस्मो रिवाजों के बीजों को और एक दूसरे का दलन करने वाली नकारात्मक सोच को पनपने से रोक लेना चाहती हूँ और उस सोच की फसल का नुक्सान कर रही हूँ लिख लिख कर

कौन हूँ मैं @ मेरे बारे में

कानाबाती
मैं स्वभाव व प्रकृति से ही सामाजिक चिंतक हूँ ।हर सामाजिक घटना मुझे लिखने को प्रेरित करती है
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें

कानाबाती ब्लॉग खोजें

अंग्रेजी अनुवाद

कानाबाती

संदेश
Atom
संदेश
टिप्पणियाँ
Atom
टिप्पणियाँ

कुल पेज दृश्य

29,899

कौन हूँ मैं क्या है कानाबाती


कौन हूँ मैं

सच कहूँ

स्त्री देह लपेटे

एक रूह अनश्वर

सबसे मिलूंगी

कभी न कभी

कहीं न कहीं

कलम से बतियाती

हर दौड़ से बाहर

खुश हूँ बहुत

कुछ तेरी लिख कर

कुछ मेरी लिख कर

अलंकार रहित हूँ

न कोई साहित्यकार

न पत्रकार

न भाषा की ज्ञाता

न कोई विद्वान

लिखती हूँ

कुछ भी कुछ भी

कह देने सुनने का ज्वर

कम हो जाता

जब कानाबाती

पर आती हूँ

आप सब से मिलने

आते रहिएगा

अक्सर मिलूंगी यहीं

कुछ भी कुछ भी कहती सुनती

कनाबाती कानाबाती कुर्र्र्रर

यह ब्लॉग खोजें

लोकप्रिय पोस्ट

  • नानी का कच्चा घर बछिया और मैं -
    नानी का कच्चा  घर बछिया और मैं   - गर्मियों  की छुटियाँ  हैं आजकल सूर्य देवता अपना तेज बढ़ा कर बच्चो को  ढेर सारी स्कूल की छुट्टियाँ दिल...
  • बस स्वीकार कर लो- कभी कुछ था
    अपनाओ मत  बस स्वीकार कर लो कभी था कुछ  तेरे मेरे बीच जो जिस्मो में भी जिस्मो से परे था नजर चुरा कर तुम्ही तो लगाते हो मोहर कुछ होने की अ...
  • अतिक्रमण
    जी हाँ मानती  हूँ मैं मेरे घर में भगवान की  कमी  है मैंने नहीं बनायीं उसकी कोई जगह घर के किसी कोने में नहीं  रखी...
  • पंजाबी टप्पे लोक गीत
    हाथ जोड़ा ए पखियाँ दा वे इक वार तक सोहनेया की जांदा ए अखियाँ दा दो कारा बजार आइयाँ झिडक न देयीं सोहनया अखां करण दीदार आइया मुल्तान नू ...
  • किसी र्भ्रूण को स्तनपान करते देखा सुना है आपने ।आओ बताएं भी और दिखाएं भी #ऑस्ट्रेलिया भ्रमण संस्मरण
    यह देखो सब : कंगारू आश्चर्यचकित करता है जिसका भ्रूण माँ के स्तन से दूघ पीता है मेरे लिए यह अति हैरान करने वाली जानकारी थी ।मेरे ...
  • कैमल टो आखिर है क्या जिसकी इतनी चर्चा है - जानिये क्या हैं दिखाऊ छिपाऊ पैड्स "Camel Toe: Exploring the Trend, Its Impact, and the Psychology Behind the Fashion"
    अनेक वेब  पोर्टल पर और  अनेक ऑनलाइन चर्चाओं में आजकल कैमल टो की बात हो रही है आप भी सोच रहे होंगे कि अचानक सर्दियों में यह ऊंट के पंजों का ज...
  • निवस्त्रता व्यवसाय में महिलाएं #स्ट्रिप कल्ब संस्मरण। Behind the Velvet Curtains: A Journey into the World of Strip Clubs and Society’s Perceptions"
    यह कुछ ऐसा है कि आप ने एक खूबसूरत वयस्क शरीर को नग्न देखना है यानी एक आकर्षक नाप वाले शरीर को नितांत नग्न देखना है और उसके लिए क...
  • हे आम नारी -राज गली नहीं आसाँ पर जाईये ज़रूर
     हे आम नारी राजगली आसान नहीं  – पर चलो चुनावों के लिए अपनी दावेदारी करते हैं चलो चुनाव लड़ते हैं  हरियाणा में स्थानीय नि काय के ...
  • घाट घाट का पानी और मैं -औरत
    ठीक ही तो कहते हो सही पहचाना घाट घाट का पानी  पिया है मैंने यही रहा मेरा आजीवन पर्यटन कितने मंदिरो  मस्जिदो  गुरुद्वारों के घाट पहु...
  • वास्तु दोष
    वास्तु दोष सी  होती हैं वह औरतें  जो विवाह रस्मो पश्चात  दहेज के संदूक में  रख लाती हैं  चन्द किताबें  चन्द सपने अपनी पहचान का जू...

शीर्षक

  • #kumbh
  • #kumbhkimonalia
  • #kumbhmela
  • #monalisakumbh
  • कविता
  • कविता ओपरी का असर
  • कविता -बहार में गिरी पत्ती
  • कविता -हरियाणवी
  • कहानी
  • किस्से कुछ तेरे हिस्से
  • लधु कथा
  • लेख
  • लेख -परामर्श हेतु
  • change
  • flower show #guldaudi #chandigarh
  • inspiration
  • kumbh2025
  • kumbhviralgirl
  • letting go
  • life philosophy
  • overcoming past
  • personal growth
  • renewal
  • self-improvement
  • self-transformation
  • snake shedding
  • spiritual wisdom
  • viralgirl #browneyesgirl
  • women .politics

ब्लॉग आर्काइव

  • ►  2025 (4)
    • ►  जनवरी (4)
  • ►  2022 (11)
    • ►  मार्च (2)
    • ►  जनवरी (9)
  • ▼  2021 (7)
    • ▼  दिसंबर (6)
      • बुलेट बाबा का मंदिर - देखना जरुरी है और इसे पढ़ना ...
      • हम शहरी नस्ल के लोग और यह बड़ी बिल्लियां ...तेंदुए...
      • सोने के फूलों का मौसम#लदाऊदी उत्सव चण्डीगढ़
      • जब जिंदगी झटके दे तो क्या करें
      • बेटियां और हत्याएं @हॉनर किलिंग #honor killing
      • न कुछ लिया न दिया
    • ►  नवंबर (1)
  • ►  2020 (71)
    • ►  नवंबर (9)
    • ►  अक्टूबर (8)
    • ►  अगस्त (4)
    • ►  जुलाई (1)
    • ►  अप्रैल (21)
    • ►  मार्च (13)
    • ►  फ़रवरी (9)
    • ►  जनवरी (6)
  • ►  2019 (6)
    • ►  नवंबर (1)
    • ►  अक्टूबर (1)
    • ►  अगस्त (2)
    • ►  जुलाई (1)
    • ►  अप्रैल (1)
  • ►  2018 (10)
    • ►  अगस्त (4)
    • ►  जून (1)
    • ►  मई (3)
    • ►  अप्रैल (1)
    • ►  फ़रवरी (1)
  • ►  2017 (74)
    • ►  नवंबर (17)
    • ►  अक्टूबर (7)
    • ►  सितंबर (3)
    • ►  अगस्त (5)
    • ►  जुलाई (2)
    • ►  जून (3)
    • ►  मई (14)
    • ►  अप्रैल (5)
    • ►  मार्च (13)
    • ►  फ़रवरी (3)
    • ►  जनवरी (2)
  • ►  2016 (274)
    • ►  दिसंबर (4)
    • ►  नवंबर (11)
    • ►  अक्टूबर (3)
    • ►  सितंबर (5)
    • ►  अगस्त (2)
    • ►  जुलाई (30)
    • ►  जून (58)
    • ►  मई (28)
    • ►  अप्रैल (67)
    • ►  मार्च (59)
    • ►  फ़रवरी (4)
    • ►  जनवरी (3)
  • ►  2015 (37)
    • ►  नवंबर (33)
    • ►  अक्टूबर (4)

ब्लॉग आर्काइव

  • ►  2025 (4)
    • ►  जनवरी (4)
  • ►  2022 (11)
    • ►  मार्च (2)
    • ►  जनवरी (9)
  • ▼  2021 (7)
    • ▼  दिसंबर (6)
      • बुलेट बाबा का मंदिर - देखना जरुरी है और इसे पढ़ना ...
      • हम शहरी नस्ल के लोग और यह बड़ी बिल्लियां ...तेंदुए...
      • सोने के फूलों का मौसम#लदाऊदी उत्सव चण्डीगढ़
      • जब जिंदगी झटके दे तो क्या करें
      • बेटियां और हत्याएं @हॉनर किलिंग #honor killing
      • न कुछ लिया न दिया
    • ►  नवंबर (1)
  • ►  2020 (71)
    • ►  नवंबर (9)
    • ►  अक्टूबर (8)
    • ►  अगस्त (4)
    • ►  जुलाई (1)
    • ►  अप्रैल (21)
    • ►  मार्च (13)
    • ►  फ़रवरी (9)
    • ►  जनवरी (6)
  • ►  2019 (6)
    • ►  नवंबर (1)
    • ►  अक्टूबर (1)
    • ►  अगस्त (2)
    • ►  जुलाई (1)
    • ►  अप्रैल (1)
  • ►  2018 (10)
    • ►  अगस्त (4)
    • ►  जून (1)
    • ►  मई (3)
    • ►  अप्रैल (1)
    • ►  फ़रवरी (1)
  • ►  2017 (74)
    • ►  नवंबर (17)
    • ►  अक्टूबर (7)
    • ►  सितंबर (3)
    • ►  अगस्त (5)
    • ►  जुलाई (2)
    • ►  जून (3)
    • ►  मई (14)
    • ►  अप्रैल (5)
    • ►  मार्च (13)
    • ►  फ़रवरी (3)
    • ►  जनवरी (2)
  • ►  2016 (274)
    • ►  दिसंबर (4)
    • ►  नवंबर (11)
    • ►  अक्टूबर (3)
    • ►  सितंबर (5)
    • ►  अगस्त (2)
    • ►  जुलाई (30)
    • ►  जून (58)
    • ►  मई (28)
    • ►  अप्रैल (67)
    • ►  मार्च (59)
    • ►  फ़रवरी (4)
    • ►  जनवरी (3)
  • ►  2015 (37)
    • ►  नवंबर (33)
    • ►  अक्टूबर (4)

Translate

मैं कौन हूँ और क्यूँ लिखना है मुझे

मैं कौन हूँ और क्यूँ लिखती हूँ ?

मैं कौन हूँ और  क्यूँ  लिखती  हूँ ? कभी कानो में धीरे धीरे बात करना खुस्फुसाना और तुम्हे हँसाना कभी कान में जोर से चिल्...

सुनीता धारीवाल जांगिड

कानाबाती
मैं स्वभाव व प्रकृति से ही सामाजिक चिंतक हूँ ।हर सामाजिक घटना मुझे लिखने को प्रेरित करती है
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
सुनीता धारीवाल . चित्र विंडो थीम. Blogger द्वारा संचालित.