मंगलवार, 28 अगस्त 2018

कुछ रास्ते कहीं नही पंहुचते

कुछ रास्ते कहीं नहीं पहुँचते
बस वह होते ज़रूर हैं
थोड़ी थोड़ी दूरी पर
रास्तों के  किनारों पर
लिखी होती है चेतावनियां
धीरे चलो -
आगे तीखा मोड़ है
यह सफर आखिरी हो सकता है
घर चलिए
कोई आपका इंतज़ार कर रहा है 
रास्ता फिसलन भरा है
ध्यान से आगे बढ़िए
पर फिर भी चलना ही होता है
सुनसान सड़क पर
भीतर का शोर दौड़ाता है
कहीं न पहुँचने के लिए भी
चलना ही होता है
मर  जाने की हद से
फिर जीने की हद तक का रोमांच
फिर  फिर ले जाता है
उन्ही रास्तों पर
जो कहीं नहीं पहुँचते  -
बस रास्ते होते है
सांस से सांस तक
किलकारी से खामोश हो जाने तक
हम रेंगतें है दौड़ते है इन्ही रास्तों पर
ये कहीं नही जाते
हमे ले जाते है हमारी यात्रा पर
suneeta dhariwal

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