हासिल करना होता क्या है
तुमसे मैंने सीखा है
आंखे छलकें -आंखे पढ़ कर
हासिल होना होता है
हूक उठे इधर -हो उधर बेचैनी
हासिल होना होता है
बेबस आंखें हर सपना तज दे
हासिल होना होता है
देह गंध क्षणिक ताउम्र संभाले
हासिल होना होता है
उम्मीद बचे न -वो फिर भी आए
हासिल होना होता है
खुद वो खुद से बागी हो जाए
हासिल होना होता है
वो रूह से ही हर पल बतियाये
हासिल होना होता है
वो देखे और आंखे भर ले
हासिल होना होता है
हर मुश्किल पहले मुझे सुनाए
हासिल होना होता है
वो गले लगे और टूट के रोए
हासिल होना होता है
वो खोजे मुझ को पाए खुद में
हासिल होना होता है
@SD
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