गुरुवार, 1 सितंबर 2016

आख़र इश्क़

भाव विह्वल मन
खोज लेते हैं कुछ अक्षर
और अक्षर?
छटपटातें है
शब्द हुए जाने को
और शब्द ?
धुन की खोज में
बौराए घूमते हैं
और धुन?
है कि बस लग जाती है
और लागी?
है कि छूटती नहीं
अक्षरों से
"आख़र इश्क़"
बेवफा नहीं होता कभी
सुनीता धारीवाल जांगिड

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