दिनांक 17 सितम्बर 2016 women tv india वेब पोर्टल की सदस्यों द्वारा चंडीगढ़ के म्यूजियम एवं आर्ट गैलरी सभागार में आखर इश्क –शब्द शब्द बहे मन –कविता पाठ कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया .कार्यक्रम का शुभारम्भ हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री राजबीर देशवाल आईपीएस ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर के किया .इस अवसर पर चंडीगढ़ ट्राईसिटी की 23 महिलाओं ने अपनी स्वरचित कवितायेँ पढ़ी ,आज की महफ़िल में शारदा मित्तल,डॉ मुक्ता ,डॉ दीपांजलि, नीलम त्रिखा, अर्चना घई, धीरजा शर्मा ,नीरज़ा शर्मा , अदिति श्योराण ,शलिनी, कविता शर्मा, शहला जावेद, कंचन, राजवंती मान,उषा आर शर्मा, गुरदीप गुल, मनजीत इन्दिरा, अन्नपूर्णा, सुनीता धारीवाल, शेली विज , राजेश शिखा श्याम राणा , रश्मि शर्मा,सुरम्या शर्मा ने अपनी कवितायेँ पढ़ी और प्रसंशा बटोरी . राजवंती मान ने अपनी ग़ज़ल में कहा शहर की हवाओं से बच कर निकलेंगे -जख्म ताज़ा मिले हैं तो ढक कर निकलेंगे -और कुछ देर ठहरने की जहमत ले लो निकलेगा गर जनाज़ा तो सन कर निकलेंगे
धीरजा शर्मा ने युवतियों पर तेजाब फैंकने के अपराध पर चिंतन करते हुए कहा -तुम क्या जानो ,तेज़ाब से झुलस जाना क्या होता है !!!!क्या होती है एक साथ सौ बिच्छुओं के डसने जैसी पीड़ा !!!क्या होता है समाज का तिरस्कार झेलना और जीते जी पृथ्वी पर नरक भोगना !!!
शारदा मित्तल ने अपनी कविता में पुरुषप्रधान समाज को संबोधित करते हुए कहा -सदियों से आहत मेरे मन को स्वेच्छा से समान अधिकार दे दो तुम
सुरम्या शर्मा ने अपनी कविता में माँ को सबोधित करते हुए कहा -ममता की मूरत है मेरी अम्मा एक मुहूर्त है
बस पाँव छुए मेरे काम हुए .नीरजा शर्मा ने औरत की महिमा का बखान करते हुए कविता पढ़ी -भगवान की अद्भुत कृति
पता नहीं -कितना समय लगाया होगा -रचना की होगी जब इसकी। -जन्म से मृत्यु तक-जीवन बन जाता है ग्रन्थ जिसका-हर पन्ना करता है मंथन उसका।नीलम त्रिखा ने अपनी कविता में कहा -मैं सब कुछ छोड़ कर तेरी पनाह में आ गयी प्यारे मुझे अबला समझने कभी तुम भूल मत करना .उषा आर शर्मा ने कविता में कहा आज की नारी लड़ रही है न खत्म होने वाली लड़ाई निरन्तर अपने अन्दर भी और बाहर भी
शेहला जावेद ने ममता कविता पढ़ते हुए कहा -मन उपवन मै खिला एक पौधा-ममता,आशा,स्नेह सै उसको सींचा
रश्मि शर्मा ने कुछ यूँ कहा -चलते चलते यूं ही इक् दिन ज़िन्दगी रुक जाएगी-चल पड़ेगा कुछ पलों का काफिला पीछे मेरेखून से सींचा उसे इक्क बीज को पौधा किया-पेड़ बनकर गैर की छत पर झुका पीछे मेरे
कंचन ने प्रेमिका विरह वर्णन करते हुए कहा -देखो तुम्हारी यादो का मौसम हर दिन मेरी जिंदगी में किस तरह गुजरता है .डॉ शालिनी की कविता में इश्वर की इबादत के स्वर सुनाई दिए तेरे सजदे में रब मेरे हमें सर को झुकाना है .शिखा ने बाल शोषण पर चिंतन करते हुए मैले कुचैले थैले वाले बच्चे का हाल बयां किया .शैली विज ने कुछ यूँ सुनाया कि क्या करूँ कि कुछ लोग खर्च हो गए .सुनीता धारीवाल ने घाट घाट का पानी कविता कहते हुए सामजिक तंज कसा और समाज का चित्र प्रस्तुत किया .अर्चना घई ने अपनी कविता में कहा मैं नहीं चाहती कि सुहागन मरुँ वो कैसे रहेगा अकेला मैं तो रह लूंगी बच्चो की रसोई में भी वहीँ अदिति श्योराण ने कविता में चुनौतियों को ललकारते हुए कहा कि अब मुझे लज्जा नहीं आती .कविता शर्मा ने कविता गा कर सुनाई -ए कैसा रंग है माए-जो मैनू चढ़ गया है.
वरिष्ठ कवियत्री राजेंदर कौर ने नए चंडीगढ़ शहर का खूबसूरत वर्णन करते हुए कहा -मेरा शहर चंडीगढ़ सोहना अते प्यारा -साफ़ साफ़ टे पक्का पक्का ए सारे द सारा -और लोकप्रिय वरिष्ठ कवियत्री सुश्री मंजीत इंदिरा ने खूबसूरत गज़ल गा कर पता हुंदा सादे नाल होनियाँ निरालियाँ कच्चियाँ कचूरा नाल पौंदे न प्यालियाँ समां बाँध दिया . इस यादगार शाम में कवियत्रियों ने खूब प्रसंशा बटोरी
वरिष्ठ कवियत्री राजेंदर कौर ने नए चंडीगढ़ शहर का खूबसूरत वर्णन करते हुए कहा -मेरा शहर चंडीगढ़ सोहना अते प्यारा -साफ़ साफ़ टे पक्का पक्का ए सारे द सारा -और लोकप्रिय वरिष्ठ कवियत्री सुश्री मंजीत इंदिरा ने खूबसूरत गज़ल गा कर पता हुंदा सादे नाल होनियाँ निरालियाँ कच्चियाँ कचूरा नाल पौंदे न प्यालियाँ समां बाँध दिया . इस यादगार शाम में कवियत्रियों ने खूब प्रसंशा बटोरी
. women tv india पोर्टल की संरक्षक व मूल संस्था अंकित धारीवाल मेमोरियल ट्रस्ट की संस्थापक श्रीमती सुनीता धारीवाल ने बताया इस परियोजना का उदेश्य महिलाओं की प्रतिभा को मंच देना और देश भर की महिलाओं के बीच सार्थक संवाद स्थापित करना है और मीडिया कर्म में महिलाओं की सक्रीय भागीदारी को बढ़ाना है . इस परियोजना की सचिव शालिनी शर्मा ने बताया कि wtv के साथ देश भर की महिलाएं जुडी है और अपने अनुभव व् ज्ञान सांझा करने के लिए wtv एक सार्थक मंच है –हम ऑनलाइन विडियो के माध्यम से देश और विदेश की महिलाओं तक पहुँच रहे हैं और अपने आउटरीच इवेंट्स के माध्यम से महिलाओं से सीधे संपर्क में हैं आज का कार्यक्रम इसी दिशा में एक प्रयास है .भविष्य में भी हम इस प्रकार के आयोजन करते रहेंगे और महिलाओं को अपनी मन की बात कहने और अपनी प्रतिभा दिखाने का भरपूर अवसर मिलेंगे . wtv द्वारा बनाये गए नारी कलम साहित्यिक मंच से चंडीगढ़ और देश के विभिन्न राज्यों से 50 महिलाएं जुड़ गयी हैं और मात्र एक महीने के परिश्रम से ही हम आपके सामने मंच पर हैं .
श्री राजबीर देसवाल ने अपने संबोधन में कहा कि हर आयु वर्ग की कवियत्रियों को सुनना एक शानदार अनुभव रहा उन्होंने कार्यक्रम की प्रसंशा की और अपनी नज़म भी पढ़ कर सुनाई -
इस अवसर पर शहर के सम्मानित नागरिक पहुंचे और कार्यक्रम का आनन्द उठाया
कार्यक्रम के प्रबंधन में लाइट्स और प्रोजेक्टर प्रेजेंटेशन पर मंझली सहारण ने आवभगत में नीरजा शर्मा व धीरजा शर्मा ने विडियो एडिटिंग में रुबीना परवीन ,मंच सज्जा में कंचन व ममता सिंह ने वित्त व्यवस्था में शारदा मित्तल और सुनीता गर्ग ने मौके पर वरिष्ठ साहित्यकार अर्श राम अर्श ने women tv india को संभावनाओ का मंच बताया और कवियत्रियों की प्रसंशा की
भंडारी trust के अध्यक्ष अशोक भंडारी ने कहा कि ये कार्यक्रम सुखद अनुभूति है जहाँ महिलाओं ने अपनी कविताओं के माध्यम से अलग अलग भाव के खूब रंग बिखेरे .इस आयोजन में पंचकूला शहर की साहित्यिक संस्थाएं किदार अदबी ट्रस्ट और भंडारी अदबी ट्रस्ट ने भी सहयोग किया
अंकित धारीवाल मेमोरियल ट्रस्ट की अध्यक्षा अधिवक्ता विभाति पढियारी ने विडियो के माध्यम से औपचारिक अभिनन्दन किया
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