मंगलवार, 21 जनवरी 2025

कुम्भ मेले की मोनालिसा ? सफ़र है कितना अभी बाकी (viral girl )



आप सभी ने देखा कि सोशल मीडिया पर कंठी माला बेचने वाली मध्य प्रदेश के इंदौर से आई  बंजारा लड़की को इतनी अटेंशन  मिली कि उसे  सनसनी बना दिया कुंभ की मोनालिसा टाइटल दे दिया गया।जहां देखो यहां वहां  वही लड़की ...एक संस्था तो उसे ब्यूटी पार्लर ले कर गई और उसकी रंगाई पुताई करवा दी। दुनिया को दिखाया कि मेकअप के बाद उसका चेहरे पर कितना आकर्षण बढ़ता है हीरोइन लग सकती है या नहीं ..
दअरसल उस लड़की का आकर्षण यही है कि उसका रंग सांवला और आंखे भूरी हरी है ।यह मेल भारत में अक्सर  मिल ही जाता है  नीली, हरी ,भूरी आँखों का   डी एन ए अमूमन पश्चिम का है 
और पश्चिम में सांवली त्वचा का बहुत आकर्षण है वहां बड़ी संख्या में लोग सांवला होना चाहते  है  सांवला रंग और भूरी , हरी आँखें यूरोप में बहुत आकर्षक मानी जा  रही है यह क्रेज लगभग 20 से 25 वर्षों  अधिक देखने को मिला और  तक यह क्रेज बना हुआ है  ।
पश्चिम में काले और श्वेत रेस से उत्पन्न संताने अब ऐसे ही दिखती है । अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ओबामा को देख लीजिए काला गोरा मिल कर सांवला बना पर आंखों में भूरा,हरा  नीला रंग नहीं आ पाया इस पर भी वह बेहद आकर्षक लगे और लोकप्रिय बने । बेशक उनके कार्यकाल की समीक्षा कुछ  अलग हो सकती है यह अलग विषय है ।परन्तु  उनके भूरे रंग की  लोकप्रियता का डंका था भी है भी उनके इस रंग ने धूम मचा दी थी । और यदि उनकी आंखों का रंग नीला या गहरा  भूरा होता तो लोग पगला ही जाते ।
इस रंग से जुड़ा एक किस्सा बताती हूं 

मुझे याद है वर्ष  2013 में  मैने रेडियो फ्रांस  के लिए डॉक्यूमेंट्री बनाने के लिए भारत में रिसोर्स पर्सन का काम किया था और तीन महीने तक फ्रांस के मीडिया छात्राओं के प्रोजेक्ट में सलाहकार रही और सहयोग किया ।प्रोजेक्ट बहुपति प्रथा पर केंदित था और इस दौरान हमने बहुत से गांवों का दौरा किया । टीम की युवा पत्रकार मेरे साथ थी और हम ने पंजाब के मानसा जिले के कुछ गांवों का दौरा किया.. पंजाब के  एक गांव में एक बच्ची दिखाई दी जिसका रंग गहरा सांवला और आंखे हरी भूरी रंग की थी ।वे फ्रांसीसी छात्राएं  जो मेरे साथ थी वहीं रुक गई और उस बच्ची को एकटक निहारने लगी और उनके चेहरे पर इतनी खुशी थी कि मानो खजाना मिल गया उन्होंने उस हरी आंखों वाली बच्ची की बहुत तस्वीरें ली और मुझ से कहा कि काश वो ऐसी होती । गांव के लोग उन गोरियों को देखते नहीं थक रहे थे और वे उस सांवली लड़की को देख देख थक नहीं रही थी ।


उन्होंने सवाल किया कि यहां पंजाब में भी ऐसी लड़कियां या लड़के होते है कि जिनका रंग ब्राउन और आंखे हरे रंग की हो इस से पहले कि मैं कोई जवाब देती गांव का एक व्यक्ति बोला कि पंजाब विच ही एहो  जेहे बिल्ले नहीं मिलणगे ते  फेर कित्थे मिलणगे एह बिल्ले तां सिकंदर दे सिपाहियों दे छड्डे होए बीज ने 
वैसे भी पंजाब में अक्सर जिनकी आंखें हरी होती है उनको बिल्ला कह के ही बुलाते हैं और बहुत से बच्चों के निक नेम भी होते है 
स्थानीय लोग मानते है एलेक्जेंडर का हमला और  उसके सिपाहियों का स्थानीय स्त्रियों से संसर्ग से यह हरी नीली आंखों वाले जीन यहां  आए । हालांकि अब जेनेटिक थ्योरीज में आर्यन रेस पर अभी विवाद ही है अगर आर्य यूरेशिया से ही आए थे तो यह जीन सिकंदर से तो कहीं   पुराने मिलेंगे ।
अब वापिस मोना लीसा पर आते हैं 
लड़की गरीब है शादी शुदा है पति पसंद नहीं है वायरल होने से पहले एक वीडियो में बता रही थी मुझे स्मरण हो रहा है पर वह वीडियो अब दिखाई नहीं दे रही ।वह  कुंभ मेले में बड़े समूह के साथ आई हुई है माला बेच रही है माला कोई नहीं खरीद रहा है सब वीडियो बना रहे है और वीडियो बनाने का उसको कोई दो रुपए भी नहीं दे रहा है और उसका छोटा व्यापार भी घाटे में जा रहा है । अगर उसकी जिंदगी को आसान नहीं कर सकते तो दखल अंदाजी भी ना की जाए ।वे कैमरे वालों से बच कर बाबाओं की कुटिया में छुप रही है भाग रही है मुंह छुपा रही है मास्क लगा रही है 
मुझे शंका है कि मीडिया के अटेंशन से उसका कोई भला हो पाएगा ।मुश्किलें जरूर बढ़ सकती है । लोकप्रियता को हैंडल करना भी बहुत व्यवसायिक काम है 
आपको याद होगा  हिमेश रेशमिया ने भी नई गायिका को ब्रेक दे दिया था  झोंपड़ी से मुंबई स्टूडियो और फिर झोंपड़ी का सफर किया उस ने ।
पुनः मूषिका भव : इस सफर में उसकी  उनकी  यात्रा इतनी ही थी आज उसका पता नहीं  ।
जिस समाज जिस माहौल से उनका आना होता है उनका परिवेश, परिजन ,अपेक्षाएं ,सब कुचक्र उनके इर्द गिर्द है बिना माई  बाप के तो बड़े बड़े भी स्थापित नहीं हो पाते इन साधारण बंजारन का सफर तो सिर्फ  तो कुंभ तक ही  है यदि उसका भाग्य बलि होगा तो रैंप वॉक मॉडलिंग और छोटे बड़े अनेक दरिंदों की दी  खरोंचों के साथ चलना होगा ।दुनिया बेरहम है वह बता भी ना पाएगी ।
नकारात्मक बात लग सकती है पर सामाजिक सत्य यही है (पुरानी कहावत है बिना खसम मेंहदी भी  न रंग देती )
ईश्वर करे उसका सफर सुहाना हो उसे कोई पिता मिले जो सर पर हाथ रखे और उसके लिए सीढ़ियां बना दे और  वह सूरज को और पास से देख पाए 

सुनीता धारीवाल 



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