बुधवार, 7 अक्तूबर 2020

सुनो लड़कियों

सुनो लड़कियो समाज सेवी बनना सामाजिक कार्यकर्ता बनना भी आसान नही है ।भावाआवेश में आ कर
हिसंक प्रवृति के  लोगों से अकेले नही भिड़ना होता जा के ...पहले आस पास के लोगो को कन्विंस करो अपना उद्देश्य बताओ साथ ले कर चलो और सब के सहयोग से भिड़ो ।न कि अकेले ही समाज सेविका बनने के चक्कर मे संकट में पड़ो ..अकेले हम तभी भिड़ते है जा खड़े होते हैं किसी भी समस्या में जब हमें विश्वास होता है हमारे भीतर यह साहस होता है कि मेरे साथ जनता की ताकत है ।जनता को विश्वास है कि अगर तुम वहां जा ख़ड़ी हुई हो तो कोई जरूर सही बात होगी ..इस विश्वास को बनाने में सालों साल लगते है कम से कम दस पंद्रह साल लगते है सामाजिक कार्यकर्ता की भी स्थापना होते होते ..इतने लंबे अरसे तक लोग आपको observe करते हैं आपके क्रियाकलापों को देखते रहते है। शुरू में लोग साथ भी चलते हैं शंका भी करते हैं धीरे धीरे सब बदलता है ।एक ही रात में तुम समाज नही बदल पाओगी ।सामाजिक परिवर्तन धीरे धीरे आता है ।क्रांति ही एकदम आती और वह भी किसी विचार से ही आती है सही समय पर सही जगह सही विचार और उसका सही एक्शन प्रस्तुत करने से

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