गुरुवार, 31 अगस्त 2017

बहनों के सोलह श्रृंगार @ ये कीजिये आप

1 सपना देखिए #खुद के भविष्य का #कल्पनाएं कीजिये
2 जो लक्ष्य चुना है या जो सपना देखा है उसको पूरा करने के स्वयं का विकास करें # स्वय की क्षमता को बढ़ाइए#  सीखिए#  जानकारी हासिल कीजिये#  लक्ष्य का पीछा कीजिये # खुद पर मेहनत कीजिये # निरंतर अपडेट कीजिये अपनी क्षमता और ज्ञान को
3 सकारात्मक सोच बनाये रखिये #चाहे परिस्तिथि कैसी भी हो ।नितांत अकेले भी पड़ जाओ # चाहे  विपरीत परिस्थितियों से घिर जाओ ।पर साहस न कम होने दे

4 सभी को सुनिए पर हर बात खुद अनुभव करें
जीवन मे worst के लिए भी तैयार रहिये ।अच्छे और बुरे दोनो तरह के अनुभव स्वयं कीजिये ।अच्छे अनुभव है तो बुरे भी आप को की अनुभव जरूर करने है
5 साहस बहुत जरूरी है समाज की प्रयोगशाला में ।चुनौतियां स्वीकारें
6 चरित्रहीनता के दोष आरोपण को देह और दिमाग पर अलंकरण की तरह स्वीकारें।और सुन कर खुश रहें
ऐसी बातों को बहुत हल्के में लेना सीख लें और आनन्द लें
7 परिश्रम से कभी न चूकें अपने काम मे लगे रहें निरंतर ।
8 बार बार गिरें भी और खड़े  भी होते रहे पर चलायमान रहें प्रयास करना न छोड़े कभी
9 जरुरी नही कि हर कोई आपको समझे ठीक उसी तरह जैसे आप खुद को समझती है या अपने बारे में औरो को  समझाना चाहती है
10 नकारात्मक लोगों से दूरी भी बनाइये और चुप्पी भी बनाइये
11 जिंदगी दोबारा नही मिलेगी सभी से प्रेम जी भर कर कीजिये बिना किसी अपेक्षा से
12 खुद पर विश्वास कीजिये लोग आप पर विश्वास करेंगे ।
13 अपने फैसले खुद करें खुद का चिंतन करें अपनी सोच को पराधीन न होने दे
14 आज में जियें वर्तमान में बस ।आज तक भी  आपके सोचने से कुछ नही हुआ है सब  आपके करने से हुआ है आगे भी होगा ।आज में विश्वास रखें ।

15 खुद से प्रेम करें # स्वाभिमान अनुभव करें # भावुक क्षणों में बड़े फैसले न करें टाल दें ।स्नेह बंधनो की पराकाष्ठा में भी बुध्दि को सतर्क रखने का प्रयास करें

16 सक्रिय रहें मानसिक और शारीरिक रूप से भी ।नारी के सब नैसर्गिक गुण भाव अनुभव करें ।जो  मन आये वो करें अपनी सीमा स्वयं तय करें

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