प्यार हो जायेगा तो ग़ज़ल भी हो जायेगी
सूखी दिल की धरती भी सजल हो जायेगी
कोई दीखता नहीं वीरान बस्ती में दिया उठाये
कोई मिल जायेगा तो रौशनी भी हो जायेगी
तरंगें रूह की टकराती नहीं किसी की रूह से
कहीं भिड़ी तो साँस ये तूफ़ान सी हो जाएँगी
कोशिश बहुत की कि लिखूं ग़ज़ल कोई गाने वाली
न कोई आएगा न कोई ग़ज़ल ही बन पायेगी
नकली तो कभी कुछ कहा नहीं जाता मुझसे
सोच भी लुंगी तो दुनिया को खबर हो जायेगी
सुनीता धारीवाल जांगिड़
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