गुरुवार, 25 अप्रैल 2019

जब तुम में होती हूँ

जिंदा किसी  लाश का चलना  होती थी  जिंदगी
मैं तब दौड़ती हूँ जब सिर्फ तुम में होती हूँ

जर्द  दिमाग था बेहोशी में कटी है जिंदगी
मैं  तब होश में होती हूँ जब सिर्फ तुम में होती हूँ

यूँ तो एक कदम बढ़ाना भी बड़ा बोझिल
बेवजह जोश में होती हूँ जब तुम में होती हूँ

हजारों ख्वाहिशों का दम निकला तेरे आने से पहले
बड़ी मदहोश होती हूँ जब तुम में होती हूँ
@ SD
Coal post #Manjali Saharan

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें