गुरुवार, 5 अप्रैल 2018

ऐ साहिब.....!!
तुम्हीं तो हो मेरे यकीन
बस तुमसे ही  करूँ मैं मेरी शिकायते

ए साहिब
तुम ही तो हो
मेरी भोर अलसाई सी
तुम पर बिछ जाऊँ
मैं ओस बन के
ए साहिब
तुम ही तो हो
सुबह का सूरज
तुम्हे ही दूँ मन अर्घ्य मेरा
ए साहिब तुम ही तो हो
..

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